दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 :
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लोक व्यवस्था (public order) और लोक प्रशांति (public tranquility) को बनाए रखना सरकार की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है । अतः ऐसी मामले में जहां कार्यपालक जिला उपखंड मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को लोक न्यूसेंस या अशांति खतरे का अर्जेंट (urgent) मामला लगता है वहां दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अधीन एक आदेश जारी करता है जिससे किसी व्यक्ति को :-
1. कोई कार्य विशेष नहीं करने का आदेश होता है अथवा
2. किसी व्यक्ति के कब्जे में या उसके प्रबंध में रहने वाली संपत्ति को विशेष प्रकार से रखने का निर्देश होता है ।
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अर्थात कोई व्यक्ति कुछ कार्य नहीं करेगा और कुछ कार्य करेगा :-
जैसे घर से नहीं निकलेगा लेकिन यदि स्कूल का मालिक है तो यदि सरकार को जरूरत है तो वह सरकार उसे अपने नियंत्रण में ले लेगी ।
इससे कार्यपालक मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करता है कि :-
1. किसी व्यक्ति को जो विधि पूर्वक नियोजित है उसे अपना दायित्व निभाने में बाधा नहीं होगी ।
2. विधि पूर्वक नियोजित उक्त व्यक्ति के कार्य में कोई अशांति (Disturbance) नहीं होगा।
3. लोक संपत्ति (Public Property) को कोई हानि नहीं होगी ।
4. लोक शांति (Public Peace) और लोक प्रशांति (Public Tranquality) बनी रहेगी ।
5. मानव जीवन स्वास्थ्य और कल्याण (human life health and welfare ) की रक्षा हो सकेगी।
6. संभावित बवाल (Riots) और दंगे (Affray) रोके जा सकेंगे ।
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उपचार :- यहाँ आदेश कार्यपालक मजिस्ट्रेट एक तरफा भी ( ex Parte ) भी जारी कर सकता है ।
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत दिए गए अधिकार के तहत ऐसे आदेश को विशेष दशा में ही जारी करना चाहिए । अति असामान्य दशाओं में ऐसे आदेश जारी नहीं किए जाते । यदि ऐसा किया जाता है तो पीड़ित व्यक्ति को विधिक उपचार ( legal Remedies) उपलब्ध है ।
कब तक जारी रहेगा धारा 144 ?

इस प्रकार जारी किया गया कोई भी आदेश जारी करने की तिथि से 2 महीने तक की अवधि तक ही प्रभावी रह सकता है । इसके आगे जारी रखने का अधिकार राज्य सरकार को है । फिर भी यह आदेश अधिकतम 6 महीने के लिए प्रभावी रहेगा ।
आचार्य जगदीश आनंद अवधत बनाम पुलिस कमिश्नर कोलकाता के बाद में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्धारित किया है की धारा 144 आपात स्थिति का सामना करने के लिए है ।
इसलिए इसे अनिश्चित काल तक प्रवर्तन मैं नहीं रखा जा सकता ।
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कर्फ्यू क्या है :

जब किसी सरकार द्वारा एक ऐसा आदेश ,विलियम जारी किया जाता है कि कुछ निश्चित सीमा क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति निश्चित सीमावधि के लिए अपने घरों में रहना अनिवार्य किया जाता है | इसे कर्फ्यू कहते हैं | इस दशा में सरकार का आदेश ना मानने वाले के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है लेकिन सरकार द्वारा की गई है कार्यवाही आपराधिक कार्रवाई नहीं मानी जाती है |
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