हम अक्सर एक शब्द सुनते है KYC
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ये KYC है क्या ?
KYC (KNOW YOUR COUSTOMER) का मतलब “अपने उपभोगता को जानिये” |
KYC का नाम हम Bank से सम्बंधित कार्यों में ज्यादातर सुनाने को मिलता है ।
हां , उसी केवाईसी(KYC) के बारे में बात हो रही है ।
जहां कहीं हम किसी संस्था से कोई सर्विस(services) लेते या देते हैं वहां पर हमें अपनी आईडी (iD) और फोटो (Photo) देनी होती हैं । आईडी (iD) जैसे PAN card , Aadhar card , Voter ID card , पासपोर्ट(Passport) व अन्य । मतलब संस्था जब अपने उपभोगता (coustomer) को जानना चाहती है, तो हमें अपनी पहचान के लिए अपनी आई.डी(i.D) देनी होती है ।
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KYC किसी भी फाइनेंसियल कार्यों (Financial Work) में जरूर जरुआत पड़ती है । बैंक में अकाउंट(Account) खुलवाने से लेकर , एफडी(FD-Fixed deposit) बनवाने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual fund) खरीदने के लिए, मोबाइल का सिम (SIM) खरीदने के लिए, ट्रेन रिजर्वेशन (Train Reservation) , हवाई जाहज (Aeroplane) या किसी भी ऐसे स्थान पर जहां हमें फॉर्म भरना और भरके अपनी आइडेंटिटी प्रूफ (identity proof) फोटो (Photo) देना मतलब अपना परिचय देना , जिससे की अपने उपभोगता (Coustomer) के बारे में जान सके , उसे कहते हैं KYC (KNOW YOUR COUSTOMER)
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KYC form , में हमें अपनी
- फोटो (Photo) के साथ ,
- अपना नाम(Name) ,
- पिता का नाम(Father’s Name),
- पता (Address) ,
- मोबाइल नंबर (Mobile number),
- ई-मेल आईडी (e-mail ID)
ऐसी जानकारियां देनी होती है । जिसके प्रमाण में हम अपनी आईडेंटिटी कार्ड(Identity Cards) लगाते हैं। identity card जिसमें हमारी यह सब जानकारियां दी होती हैं ।
PAN Card जिसमें फोटो(Photo) , पिता का नाम(Father’s Name) , जन्म की दिनांक (Date of Birth) तो दी होती है, पर पता(Address) नहीं होता है I इसीलिए पैन कार्ड(Pan Card) के साथ एक iD ऐसी लगानी होता है I जिसमें आपका पता भी अंकित हो जैसे आधार कार्ड (Adhar card) , वोटर ID कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस (Driving license) व अन्य (other) ।
इसीलिए समय-समय पर बैंक व अन्य संस्थाओं के द्वारा केवाईसी (KYC) अपडेट (Update) करने को कहा जाता है अन्यथा की स्थिति में अकाउंट(Account) को निष्क्रिय (Dorment/inactive) कर दिया जाता है, केवाईसी (KYC) जमा करने के उपरांत/बाद ही वह अकाउंट एक्टिव (Active) होता है I जिससे कि वह अपने कस्टमर (Customer) के बारे में अपडेट हो सके और किसी तरीके का कोई फ्रॉड(Fraud) या जालसाजी ना किया जा सके , जिससे कि कस्टमर और ब्रांच दोनों सुरक्षित रहे इससे जालसाजी /फ्रॉड होने की सम्भावनाये काम हो जाती है ।
हम आशा करते है आपको इस पोस्ट से सारी जानकारियां प्राप्त हो गयी होगी KYC से सम्बंधित। अन्य जानकारियों के लिए हमसे जुड़े रहे।
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