प्रयागराज पुलिस का कारनामा : 50 से ज्यादा मुकदमों की फाइलें गायब, 69 दरोगाओं की जांच के आदेश

Spread the love

चरित्र प्रमाण पत्र Online आवेदन

प्रयागराज :

Uniform Civil Code

50 से ज्यादा मुकदमों की फाइलें गायब, 69 दरोगाओं की जांच के आदेश

Aadhaar एड्रेस अपडेट कैसे करे

हजारों की संख्या में लंबित मुकदमों की समीक्षा के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अब तक की जांच में 50 से ज्यादा ऐसे मुकदमे मिले हैं, जिनकी फाइल ही गायब है। मुकदमे से संबंधित दस्तावेज कहां और किसके पास हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। मामला संज्ञान में आने के बाद अफसरों ने 69 दरोगाओं की प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए हैं, जिससे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

जिले में हजारों की संख्या में मुकदमे लंबित हैं। हाल ही में हाईकोर्ट की ओर से भी प्रदेश में लंबित मुकदमों की बड़ी संख्या को लेकर चिंता जताई गई थी, जिसके बाद व्यापक पैमाने पर लंबित मुकदमों की समीक्षा कर इनके निस्तारण के आदेश दिए गए थे। सीओ ही नहीं बल्कि एडिशनल एसपी स्तर के अफसरों को भी अपने क्षेत्र से संबंधित मुकदमों की नियमित रूप से समीक्षा कर इनका निस्तारण कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई।

योगी के बुलडोजर

कई ऐसे मुकदमों के बारे में पता चला जो अरसे से लंबित हैं। कुछ मुकदमों में तो पांच साल बाद भी विवेचना पूरी नहीं हो सकी। जांच पड़ताल में इसका जो कारण सामने आया, वह और भी चौंकाने वाला रहा। पता चला कि इन मुकदमों की फाइल ही गायब है। न ही थाना और न ही सीओ पेशी, किसी के पास भी मुकदमे से संबंधित दस्तावेज नहीं हैं। दस्तावेज कहां और किस हाल में हैं, इसका किसी भी अफसर के पास जवाब नहीं है। प्रकरण की पड़ताल में कई स्तरों पर लापरवाही की बात सामने आई। जिस पर 69 दरोगाओं के खिलाफ जांच शुरू करा दी गई है।

कुल 69 दरोगाओं के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। इनमें से गंगापार के 33 और शहर व यमुनापार क्षेत्र के 18-18 दरोगा शामिल हैं। – सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, डीआईजी

UP में कैसे करे Online-FIR

11 हजार से ज्यादा मुकदमों की विवेचना लंबित


सूत्रों का कहना है कि मौजूदा समय में जिले में लगभग 11 हजार मुकदमों की विवेचना लंबित है। डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कार्यभार संभालने के छह महीनों के भीतर ही मुकदमों का निस्तारण तेजी से कराने के प्रयास शुरू किए। इस दौरान छह महीने के भीतर लंबित मामलों की संख्या 15 हजार से घटकर साढ़े दस हजार के आसपास आ गई थी। हालांकि कोरोना काल में विवेचनाओं के निस्तारण में कमी आई, साथ ही धारा 144 व कोविड नियमों के उल्लंघन के मामलों के चलते लंबित मुकदमों की संख्या फिर बढ़ गई।

Online सम्पत्ति पंजीकरण

15 साल बाद पता चला, केस डायरी ही गायब

जेल Online e-Mulakat pass


मुकदमों की फाइल गायब होने वाले मामलों में से एक प्रकरण इसी साल सामने आया था। जिसमें 15 साल बाद पुलिस को केस डायरी गायब होने की जानकारी हुई। धूमनगंज में महिला को गोली मारने के इस मामले में 2004 में मुकदमा हुआ और 2005 में फाइनल रिपोर्ट लग गई। कोर्ट में वादी पक्ष की ओर से इसे चुनौती दी गई, जिसके बाद पुनर्विवेचना का आदेश हुआ। 15 साल तक कार्रवाई न होने पर वादी पक्ष की ओर से कोर्ट में रिट की गई तो पता चला कि केस डायरी ही गायब है। कोर्ट ने चार हफ्ते में विवेचना पूरी करने का आदेश दिया था, ऐसे में किसी तरह वादी पक्ष की मदद से ही केस से संबंधित दस्तावेज जुटाकर पुलिस ने विवेचना पूरी की।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top