प्रयागराज :
भगवान शिव, देवों के देव महादेव है, जल्दी ही प्रसन्न भी हो जातें हैं इसीलिए इन्हें आशुतोष भी कहा जाता है।इनकी पूजा देव,मानव,दानव आदि सभी करते हैं और अपने कल्याण की कामना करते हैं।
लेकिन लगता है स्मार्ट प्रयागराज,का स्मार्ट नगर निगम, भगवान शिव की भी परीक्षा ले रहा है। इनके मंदिर की दुर्दशा देखकर तो ऐसा ही है। मंदिर की दुर्दशा देखकर भक्तो की बेबसी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है ।
यह शिव मंदिर निहालपुर चारहिया ,प्रयागराज में इस्तिथ है ।
जर्जर सड़कें और सड़कों के ऊपर बहता नाली का दूषित पानी जहां लोगों के फिसलने एवं अन्य प्रकार की दुर्घटनाओं को आमंत्रण देता है वहीं दूसरी ओर जमे हुए दूषित पदार्थों के कारण महामारी जैसी स्थिति की भी आशंका है। अगल बगल रहने वाले लोगों का कहना है कि शाम में सूर्यास्त होते ही मच्छरों का जमावड़ा लग जाता है तथा डेंगू मलेरिया कलरा जैसी महामारियों का भी भय है। छोटे-छोटे बच्चे को हम लोग अपने घरों में ही रखने की कोशिश करते हैं ताकि विषाणु एवं अन्य प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सके। सायं काल में बच्चे खेलने की जिद करते हैं लेकिन गंदगी के अंबार के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है जिस कारण से बच्चों का विकास अवरुद्ध हो रहा है।
इस मंदिर में आते जाते हर तीसरा व्यक्ति फिसल कर गिर जाता है कई बार तो वृद्धों को गिरने के कारण हॉस्पिटल तक ले जाने की नौबत आ जाती है। नगर निगम में गंदगी को रोकने के लिए बहुतों बार शिकायत किया जा चुका है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगता। योगी जी के शासनकाल में भी इस मंदिर में दर्शन पुजा पाठ नहीं हो पा रहा है।
फिलहाल तो स्वयं भगवान शंकर भी नगर निगम की तरफ से बरसने वाली कृपा का शायद इंतजार ही कर रहे हैं।