भारतीय संविधान में विकास के समान अवसर : प्रोफेसर दुबे

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26/11/2021

संविधान दिवस पर मुक्त विश्वविद्यालय में व्याख्यान

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में शुक्रवार को समाज विज्ञान विद्या शाखा के राजनीति शास्त्र विभाग की तरफ से संविधान दिवस के अवसर पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया । इस अवसर पर व्याख्यान के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रोफेसर अश्वनी दुबे ने भारतीय संविधान एवं सामाजिक न्याय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि भारतीय संविधान जहां सभी को समानता का अधिकार देता है वहीं कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष अवसर प्रदान करता है।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना सभी नागरिकों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सुरक्षा के साथ ही समानता, स्वतंत्रता एवं भ्रातृत्व पर बल देती है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान असहाय तथा पिछड़े हुए लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष अवसर प्रदान करता है, जिससे समाज का कोई भी वर्ग अपने आप को उपेक्षित न महसूस कर सके और सभी को विकास का समान अवसर मिले।


अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने की। उन्होंने संविधान के निर्माण में भाग लेने वाले सभी महापुरुषों को याद किया। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान की रचना ने देश को एक सूत्र में बांधकर सभी नागरिकों को समानता व स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया। कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि संविधान दिवस पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम देश के एक अच्छे नागरिक बने और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के अंतर्गत समाज का विकास करें। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान नियमों का ग्रंथ ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लिए विकास का सामाजिक दस्तावेज है।
संयोजक प्रोफेसर एस कुमार ने प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत किया। व्याख्यान का संचालन आयोजन सचिव डॉ दीपशिखा श्रीवास्तव ने तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद सह संयोजक डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने किया।


इस अवसर पर डॉ संजय कुमार सिंह, श्री सुनील कुमार, डॉ दीपशिखा, डॉ त्रिविक्रम तिवारी, रमेश चंद यादव, डॉ अभिषेक सिंह समेत शोध छात्रों ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया।


इससे पूर्व आज पूर्वाहन 11:00 बजे विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के साथ संविधान के प्रियम्बुल का सामूहिक पाठन किया।

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