स्वस्थ निरोगी जीवन :
कहते हैं की पौष्टिक भोजन मनुष्य के लिए एक ऐसा इंधन होता है जिस पर उसके सुखद भविष्य की गाड़ी टिकी हुई रहती है। प्राचीन काल के मानव इतिहास से पता चलता है कि मानव का आहार जितना प्रकृति के सापेक्ष एवं प्रकृति के निकट था उतना हीं वह पूर्ण निरोगी व दीर्घजीवी था ।
जंक फ़ूड का भारत में प्रवेश :
परंतु बाद में पाश्चात्य सभ्यता के संपर्क में आकर वह आहार को पकाकर व तल भूनकर खाने लगा । मध्यकाल के अंधकार युग में भारत पर विदेशी आक्रमणों एवं संबंधों ने यहां के प्राकृतिक जीवन और प्राकृतिक आहार पर सबसे बड़ी चोट पहुंचाई। संबंधों के साथ-साथ मनुष्यों ने बड़े स्तर पर उनकी पाक कला व भोजन शैली को भी स्वीकार करने लगा जिसका सबसे बड़ा असर मनुष्य के शरीर पर पड़ने लगा। अब तक भारतीय मनुष्य जहां अपने भोजन में मोटे अनाज का ज्यादा महत्व देखा देता था वहीं अब धीरे-धीरे महीन अनाजों को शामिल करने लगा जिसके कारण समस्याएं उत्पन्न होने शुरू हो गई।
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जंक फ़ूड का रूप :
आज के आधुनिक युग में औद्योगिक सभ्यता एवं बाजारवाद ने हमारे रहन-सहन और खान-पान में काफी बदलाव ला दिया है। पिज्जा ,चाऊमीन ,बर्गर ,हॉट डॉग ,पेस्ट्री, समोसे, कोल्ड ड्रिंक आदि ढेरों ऐसे फास्ट फूड या जंक फूड है जो स्वाद में तो अच्छे लग सकते हैं लेकिन सेहत के लिए अच्छे नहीं होते हैं ।

स्वाद और आलस का हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर :
कुछ लोग स्वाद और आलस के कारण और समय बचाने के कारण फास्ट फूड का सेवन करने लगे हैं । इनके ज्यादा सेवन से हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इन वस्तुओं के प्रयोग से पीठ की प्राकृतिक पाचन शक्ति धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है पाचक रस भी घट जाता है ,आतें भी कमजोर होने लगती है जिसके कारण मंदाग्नि कब्ज आदि कई बिमारियां शरीर में अपना अड्डा बनाने लगते हैं।
जंक फ़ूड से शरीर धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है :
इस तरह मिर्च मसालों से शरीर धीरे-धीरे नष्ट होना शुरू हो जाता है । खासतौर से जिगर और गुर्दे खराब होने लगते हैं , जिससे व्यक्ति की मौत असमय होने लगी है। सबसे बड़ी बात यह है कि भोजन का असर मनुष्य के मस्तिष्क पर भी पड़ता है । अपने यहां तो कहा भी गया है कि जैसा अन्न वैसा मन। इसलिए मनुष्यों को जंक फूड छोड़कर अपने दैनिक जीवन में मोटे अनाज को अपनाना पड़ेगा ताकि शरीर का उपापचय (मेटाबॉलिज्म) प्रक्रिया अच्छी तरह से काम करें और हम स्वस्थ रहें।
जंक फ़ूड का दुष्प्रभाव को देखकर शायद प्रयोग करना कम कर दें।

वैसे तो जंक फूड या फास्ट फुडों से हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचता है लेकिन मोटे तौर पर कुछ विषय बिंदुओं पर विचार करें तो हमें जंक फूडों की विषाक्तता तथा इसके दुष्प्रभाव को देखकर शायद इसका प्रयोग करना कम कर दें।
जंक फ़ूड से होने वाली बीमारियां :
1. हमारे शरीर की 80 % बीमारियां पेट से जुड़ी हुई होती हैं ।

2. फास्ट फूड में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है जिसका सीधा असर हमारे पाचन क्रिया पर पड़ता है
3. फास्ट फूड से आपका पेट तो भर जाता है लेकिन प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट जैसे अति आवश्यक पोषक तत्वों की भारी कमी होने से शरीर का संपूर्ण विकास नहीं हो पाता।
4.जंक फुडों में विशेष रुप से विटामिन b1 ,विटामिन c व मिनरल्स की भारी कमी होती है।
5. आर डी ए (RDA) के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 5 ग्राम नमक ,600 ग्राम वसा ,2.2 ग्राम ट्रांस फैट और 300 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है। फास्ट फूड में इन पोषक तत्वों में किसी की अधिकता रहती है तो किसी की कमी रहती है ।
6.फास्ट फूड से दांतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे युवा अवस्था आते-आते दांतों में समस्याएं खड़ी होने लगती है ।
7. फास्ट फूड से मनुष्य के उपापचय प्रक्रिया (मेटाबोलिज्म)पर सबसे ज्यादा फर्क पड़ता है जिससे हमारे शरीर में कई बीमारियों का जन्म होना शुरू हो जाता है ।
8.मोटापा, हृदय रोग और शुगर की महामारी जंक फूड ओं की सबसे बड़ी देन है।
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