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प्रयागराज :
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पारि – पुनर्स्थापन वन अनुसंधान केन्द्र सहजन की पत्तियों से उत्पाद विकास पर कार्यशाला
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आज दिनांक 16.07.2021 को पारि – पुनर्स्थापन वन अनुसंधान केन्द्र , प्रयागराज द्वारा कोविड -19 नियमों का पालन करते हुए सहजन की पत्तियों पर आधारित उत्पाद के विकास विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन तरीके से वेबिनार के माध्यम से किया गया ।
केन्द्र प्रमुख डा0 संजय सिंह ने अपने स्वागत भाषण में सहजन की पत्तियों के पोषक , औषधीय तथा जैविक उर्वरक के रूप में प्रयोग के लाभ पर विस्तृत उल्लेख किया साथ ही उन्होने वेबीनार के आमंत्रित वक्ताओं से कार्यक्रम को द्विभाषी में करने का अनुरोध किया, जिससे वेबीनार में जुड़े लोगों को विषय सम्बंधी जानकारियों को समझने में सहायता प्राप्त हो सके। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 कुमुद दूबे ने भारत सरकार की भारत अमृत महोत्सव योजना के अंतर्गत भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून के विभिन्न संस्थानों के सहयोग से अवगत कराया और मनुष्य के दैनिक जीवन में सहजन के महत्व पर चर्चा की।
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प्रथम वक्ता डा0 मोहित कुमार , सीईओ और एमडी , सेमीना एग्रो ने सहजन की पत्तियों की खेती तथा इसके विपणन पर विस्तृत चर्चा की । डा0 पंकज सिंह, वैज्ञानिक – सी, वन जैव विविधता संस्थान, हैदराबाद ने अपने वक्तव्य में सहजन को एक प्राकृतिक जैव उद्दीपक बताया जिसके विभिन्न परीक्षणों से अनेक फसलों के उत्पादन में महती वृद्धि होना सिद्ध हुआ है। वक्ता डा0 अंकिता मिश्रा, महिला वैज्ञानिक, औषधीय विज्ञान, सीएसआईआर – राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने सहजन की पत्ती को एक अद्भुत कार्यात्मक भोजन के रूप में बताया तथा इसे परिभाषित भी किया ।
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वक्ता तुषार रामी , निदेशक , विक्रय एवं विपणन ने सहजन के पोषण से भरपूर भोजन हेतु मूल्य वर्धित उत्पाद पर अपने अनुभव साझा किये। वक्ता के रूप में डा0 सत्यप्रकाश मिश्रा, विषय विशेषज्ञ, जोहार परियोजना, झारखण्ड राज्य आजीविका संवर्धन संस्था, झारखण्ड ने जोहार परियोजना के तहत सहजन की पत्ती के उत्पादन के लिए सहजन की सघन कृषि पर विस्तृत चर्चा करने के साथ सम्बंधित विषय पर विभिन्न प्रश्नों के उचित उत्तर भी दिये।
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कार्यक्रम के अन्त में वेबीनार में ऑनलाइन उपस्थित विभिन्न प्रतिभागियों ने आमंत्रित वक्ताओं से सहजन की पत्तियों से तैयार विभिन्न औषधियों से प्राप्त होने वाले लाभ तथा इससे मनुष्य की आय में होने वाली वृद्धि पर अपने – अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किये। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 अनिता तोमर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। केन्द्र की वैज्ञानिक डा0 अनुभा श्रीवास्तव ने सहजन की पत्तियों से तैयार औषधियों तथा अन्य प्रकार की खाद्य समग्रियों से होने वाले लाभ से अवगत कराया ।
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वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डा0 एस0 डी0 शुक्ला तथा तकनीकी अधिकारी रतन गुप्ता के साथ साजन कुमार , तकनीशियन व परियोजना में कार्यरत योगेश अग्रवाल , फराज अहमद तथा अंकुर श्रीवास्तव के सहयोग से कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ । कार्यशाला में देश भर से 100 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित थे ।