बस्ती :
भरोसा जगाती एंबुलेंस सेवा
कोरोना की महामारी के बीच अगर किसी ने ‘अहर्निश सेवामहे’ के भारतीय संस्कृत के आदर्श को पूरी तरह जिया है तो वह हैं बस्ती मंडल के एंबुलेंस कर्मी और उनके संचालक।
एक तरफ जहां लोगों को अपने घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है और यही एक मात्र इलाज है कोरोनावायरस से बचने का, वहीं एंबुलेंस कर्मियों और उनके संचालकों को अपनी नींद ,भूख, आराम, सब कुछ त्याग कर लोगों की सेवा में लगे रहना है। और वह इस दायित्व को बड़ी खुशी- खुशी निभा रहे हैं।
इसे भी पढ़े : Update Aadhaar Address
यह एंबुलेंस कर्मी यह भी नहीं जानते इन्हें कब और कैसे कोरोनावायरस का संक्रमण हो जाए क्योंकि यह तो कोरोनावायरस लक्षण पाए जाने वाले सभी बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाना ही अपना कर्तव्य समझते हैं और इसके लिए दिन रात एक कर लोगों की सेवा में लगे हैं ।
भारत एक बड़ा देश है उसमें भी बस्ती मंडल और इससे जुड़े हुए जिले कोरोनावायरस के संक्रमण के लिए सबसे संवेदनशील हैं क्योंकि यह बेल्ट पूरे भारत को मजदूर भेजता रहा है। लाक डाउन के 2 महीने के बाद जब मजदूरों की भीड़ गांव की तरफ आ रही है तो इससे संक्रमण की ज्यादा संभावना है फिर भी एंबुलेंस सेवा में जुड़े लोग अपने को इन परिस्थितियों के अनुरूप ढालने में तन मन से लगे हुए हैं। वह भली भांति जानते हैं कि उनके सामने चुनौतियां कितनी बड़ी है।
इसे भी पढ़े : UP BHULEKH
इस विषय पर चर्चा करते हुए बस्ती मंडल में इमरजेंसी मैनेजर के रूप में काम देख रहे श्री रामानुज ने कहा यह तो हमारी जिम्मेदारी है।
इसमें परेशानी जैसा कोई विषय नहीं है। अधिक पूछने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि देश की सेवा का अवसर बहुत भाग्यशाली लोगों को मिलता है ।
इसमें भय जैसी कोई बात नहीं हमें भयहीन होकर के ही, समझदारी के साथ ही, सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों को मानते हुए कोरोनावायरस जैसी महामारी को समाप्त करना है।
बस्ती मंडल के 2 जिले रेड जोन घोषित हो गए थे उसके बावजूद डॉक्टर, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी और एंबुलेंस सेवा देने वाले लोग अपने कर्तव्य निष्ठा के दम पर आज कोरोनावायरस से जिले को बचाने में काफी हद तक सफल होते दिख रहे हैं। इनकी सेवाओं को देखकर भरोसा जगता है।
इन विषयो पर भी पढ़े :