प्रयागराज :
श्री सुमंगलम् कार्य का प्रारंभ श्री: से हो रहा है श्री: अर्थात भगवान यानी यह भगवान का कार्य है
सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का एक प्रमुख सेवा संगठन श्री सुमंगलम् सेवा न्यास के लिए आज का दिन विशेष रहा, क्योंकि श्री सुमंगलम् के कार्यों से प्रभावित होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निवर्तमान सरकार्यवाह तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य भैया जी जोशी ने सेवा के कार्यों को देखने के लिए लगभग 5 घंटे का समय दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जानकार बताते हैं कि इनका इतना समय देना अपने आप में अनूठा है। अखिल भारतीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य होने के नाते भैया जी जोशी काफी व्यस्त माने जाते हैं लेकिन सेवा कार्यों के भावों को देखते हुए उन्होंने आज श्री: सुमंगलम् सेवा न्यास के कार्यक्षेत्र प्रयागराज नैनी स्थित चांडी में प्रकल्प को देखा और कार्यकर्ताओं के साथ अपने अनुभव को साझा किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में उनका परिचय सेवा प्रकल्प के निदेशक अजीत बहादुर ने कराया। इसके साथ ही भारत माता की चित्र पर दीप प्रज्वलन के बाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जिसमें प्रकल्प के बच्चों द्वारा एक सेवा गीत गाया गया जिससे सारे सदस्य भाव विभोर हो गए।
सेवा कार्यों को देखने के बाद भैया जी जोशी ने बताया कि श्री सुमंगलम् कार्य का प्रारंभ श्री: से हो रहा है श्री: अर्थात भगवान यानी यह भगवान का कार्य है। इसलिए हम सभी को यह कभी भी संदेह नहीं करना चाहिए कि हमारा कार्य कैसे चलेगा? उन्होंने बताया कि श्री: सुमंगलम् के पास दर्शन और मार्ग दोनों है क्योंकि वह सेवा कार्य में अनवरत लगा हुआ है। उसे मार्गदर्शन की क्या आवश्यकता है। ज्ञातव्य रहे कि श्री सुमंगलम सेवा न्यास समाज में अनाथ बच्चों के साथ साथ वृद्धा अवस्था में गृह त्याग करने वाले या परिवार की उपेक्षा के कारण छोड़ दिए गए माताओं बहनों इत्यादि लोगों को इकट्ठा कर कर एक परिवार के रूप में रखने का पवित्र कार्य करता है ।
इस कारण से सेवा का यह कार्य अपने आप में अनूठा है तथा बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे इलाकों में यह अपने आप में एकलौता प्रकल्प माना जाता है।इसके साथ ही उन्होंने आजकल समाज में चल रही सेवा के नाम पर विकृति के बारे में भी बताया। जहां धर्म के नाम पर व्यवसाय करने वाले लोग भी हैं, लेकिन श्री सुमंगलम् के कार्यों को देख कर लगता है कि यहां वास्तविक सेवा हो रही है इसके लिए उन्होंने रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद द्वारा व्यक्त किए गए दरिद्र नारायण के सेवा जैसे कार्यों का श्री: सुमंगलम् के साथ तुलना भी किया। उन्होंने काशी के श्री गोविंद बाबा की खुले दिल से प्रशंसा की जो श्री: सुमंगलम् के कार्यों को काशी और चंदौली में विस्तार दे रहे हैं। सेवा का कार्य कभी भी योजना से नहीं किया जाता बल्कि सेवा के भाव को संदर्भ में विचार करने पर आता है कि हम सभी एक चेतना युक्त प्राणी है। इसलिए चेतना के आधार पर ही सेवा कार्य किया जाता है।
उन्होंने आजकल समाज में फैली विकृति कंडीशनल सेवा पर भी कटाक्ष किया। सेवा के जटिलता को बताते हुए उन्होंने भगिनी निवेदिता का उदाहरण भी दिया। इसके अलावा उन्होंने श्री: सुमंगलम् के कार्यों से अभिभूत होकर भविष्य में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया तथा सेवा प्रकल्प के विस्तार के लिए मंगल कामना की। कार्यक्रम का संचालन कथा वाचक आचार्य शांतनु जी महाराज तथा आभार सेवा परिसर का बालक आकाश ने प्रगट किया।
कार्यक्रम में श्री: सुमंगलम् सेवा न्यास के काशी, सुल्तानपुर तथा चंदौली के कार्यकर्ताओं के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक डॉ विश्वनाथ लाल निगम, प्रांत प्रचारक रमेश, विभाग प्रचारक डॉक्टर पीयूष भी उपस्थित थे। इसके अलावा श्री: सुमंगलम् सेवा न्यास के न्यासी डॉक्टर बी बी अग्रवाल, लोक सेवा आयोग की सदस्या डॉ सविता अग्रवाल, माध्यमिक शिक्षक चयन आयोग के सदस्य हरेंद्र राय, संजीव अग्रवाल, वी के मित्तल, विजय बहादुर सिंह, सुजीत सिंह अखिलेश यादव, देवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ रंजन बाजपेई, दिव्यांशु मेहता इत्यादि रहे।